हे जननी जन्मभूमी माँ शत्-शत् नमन करता हूँ... हे जननी जन्मभूमी माँ शत्-शत् नमन करता हूँ...
मैं टूटा हुं, टूटा ही रहने दो, फिर से जुड़कर, टूटने की हिम्मत नही... मैं टूटा हुं, टूटा ही रहने दो, फिर से जुड़कर, टूटने की हिम्मत नही...
खुश नही हूं... खुश नही हूं...
वह जो रंग - बिरंगे बैलूनों को बाँधे हुए अपने डंडे में समय से पहले ही बचपन को अलव वह जो रंग - बिरंगे बैलूनों को बाँधे हुए अपने डंडे में समय से पहले ही ...
तेरे ना होने का इंतजार भी नही है, पर अब उदास नहीं हूं मैं! तेरे ना होने का इंतजार भी नही है, पर अब उदास नहीं हूं मैं!
दोहरी हुई कमर अब अकेले अपने दर्द को जीती है बैंगनी आकाश है,घुमड़ते मेघ हैं पर कौन लौटाऐगा मेरा ... दोहरी हुई कमर अब अकेले अपने दर्द को जीती है बैंगनी आकाश है,घुमड़ते मेघ हैं ...